Monday 22 May 2017

सुधांशु फिरदौस की प्रेम कविताएँ

सुधांशु फिरदौस समकालीन हिंदी कविता के युवा स्वरों में सर्वाधिक जाना- पहिचाना और चर्चित नाम हैं । पेशे से गणित के प्राध्यापक पर बेहद रूमानी और मीर के गली के बाशिंदे फिरदौस की पांच प्रेम कविताएँ 

1. गुलजारिश

तुम्हारे गालों और ठोढ़ी के बीच ये जो तीन तिल हैं ना
काव्यशास्त्र में वर्णित कवियों के तीन गुण हैं

तुम्हारी आंखों में देखते हुए भूल सकता हूं
सबसे भयानक तानाशाह की सबसे डरावनी हंसी

मेरे हाथों को अपने हाथों में लिए
तुम्हारा यूं दिल्ली की सड़कों पर बेलौस चलना
सत्ता के दमन के खिलाफ किसी जुलूस में चलना है

तालाब के पानी में पैरों को डाले
बतखों के झुंड से अठखेलियां करते हुए
तुम्हारा नेरुदा की कविता 'चीड़ के पेड़ों का गीत' सुनाने का अनुरोध करना
कविता और स्त्री में मेरी अकीदत को कितना मजबूत करता है

बस अड्डे के इंतजारी कमरे में मुझे अपनी गोद में लिटा
धीमे-धीमे कान में तुम्हारा एक सौ सोलह चांद की रातें... सुनाना
एक बार गुलजार को भी रस्क करने पर मजबूर कर सकता है

तुम्हारा साढ़े चार पहर मेरे साथ इतने रंगों इतने ढंगों में यूं रहना
जीवन की एकरसता में इतने रस घोल गया है कि
हृदय संतूर
मन मृदंग हो गया है
*

2. एकतरफा प्यार

बादलों के पीछे छिपा है एक धुनिया
धुन रहा है अनवरत रुई
दूर-दूर तक फैले हैं सूरजमुखी के खेत
बीच से एक साइकिल
दूर जाती हुई...

जाड़े की खिली धूप में
उसका मुरझाया हुआ चेहरा
लगता है लंबा खिंचेगा यह इंतिजार
एकतरफा प्यार
*



3. अंदर या बाहर


विरह की इस अंधेरी रात में
अब तो जुगनुओं ने भी रास्ता दिखाने से इंकार कर दिया है
मंजिल दूर है और आवारा सड़कें मुझे कब की रौंद चुकी हैं
कड़कती हड्डियों का दर्द और जर्द त्वचा की सारी चमक
अपनी आंखों में समेट
घर की दहलीज पर पशोपेश में बैठा हूं
तुम्हारा इंतजार किस ओर मुंह करके करूं—
अंदर या बाहर
*

4. सरमाया

दुःख के देवदार पर
तुम्हारी यादों की बर्फबारी
मैं टूटकर अब गिरा
तब गिरा

आज की रात आकाश में
तारे लिख रहे हैं मेरे लिए कविता
यह मीठा-मीठा दर्द ही
मेरा सरमाया है
*

5. उसका प्यार
एक

उस रात वह घर में अकेली थी
कोई कविता पढ़ रही थी शायद
उसने जोर से पढ़ा :
‘प्यार चांद-सा होता है
धीरे-धीरे बढ़ता है
न बढ़ पाए तो फिर धीरे-धीरे घटता है’

सिर में तेज दर्द हुआ
चाय की तलब हुई
उसने चाय बनाई
तभी खिड़की पर देखा चांद इतरा रहा है
एक खीझ हुई मन में

उसने चांद को चाय के कप में डाला
चम्मच से गिनकर तीन बार मिलाया और पी गई
गोया, चांद डिस्प्रिन की गोली हो
और दिल का दर्द कोई पुराना माइग्रेन
*

दो

उसका प्यार
तुम्हारे दिल में
गोया, कोई पुराना कैलेंडर टंगा हो
तुम्हारे कमरे के किसी कोने में
लॉफिंग बुद्धा देखता तुम्हारे आंसुओं को ढलकते

देखना सूजी आंखों को आईने में
फिर चुपके से घोंट जाना मुंह में आए थूक को
अनचाही उम्मीद को ठुकराती एक मलामत
इतने सालों बाद भी
तुम्हारे दिल में
उसका प्यार
*